
मांझी
मांझी एक प्रेरक कथा
अगर इंसान जिंदगी में कुछ भी ठान ले तो उसे कुछ भी नामुमकिन सा नहीं है बस उसे करने के लिए जा होनी चाहिए और मन में अपना विश्वास कि मैं ये कर लूंगा उसी भारत की सबसे बड़ी मिसाल एक वह व्यक्ति है जिसने एक नामुमकिन सी होने वाली चीज को मुमकिन करके दिखाएं जिसने अपने प्यार के लिए और लोगों की सहायता के लिए एक पहाड़ को हि अपने सामने झुका दिया और उस पहाड़ के बीचो बीच में से एक रास्ता निकाल दिया हां उसी व्यक्ति का नाम है माउंटेन मैन दशरथ मांझी
माउंटेन मैन दशरथ मांझी बिहार में गया के करीब गहलोत गांव में दशरथ मांझी का जन्म हुआ वह एक दलित परिवार से थे उन्होंने अपना हक मांगने के लिए बढ़ा हि संघर्ष करना पड़ा दशरथ मांझी ने एक पूरा पहाड़ खोदकर करोड़ों लोगों को जिंदगी की एक नई सीख दी चाहे कितनी भी कठिनाई क्यों ना हो हमें हार नहीं मानना चाहिए और एक दिन सफल हो जाते है आपके कदम चूमेगी इसी तरह उन्होंने उस पर्वत को तोड़कर एक रोड बनाई दशरथ मांझी धनबाद में कोयले की खदान में काम करते थे उनकी बीवी फाल्गुनी देवी उन्हें खाना लेते वक्त जा रही थी तभी पहाड़ से वह गिर पड़ी और उनका निधन हो गया अस्पताल में जाते वक्त ही उनका निधन हो अस्पताल वालो ने कहा दशरथ मांझी को कहा गया शायद कुछ वक्त पहले लाया गया होता तो वह बच सकती थी ऐसा अस्पताल वालो ने कहा दशरथ मांझी को यह बात बड़ी ही दिल को छू गई अगर शायद यह पहाड़ बीच में ना होता तो आज उनकी पत्नी जिंदा हो ती
तो उन्होंने उस पत्थर को काटने को शुरुआत की शुरू में उन्होंने छेनी और हथौड़ी से उस पहाड़ पर को तोडणे की शुरूआत की दशरथ मांझी ने जालौर के पर्वत को 22 सालों में उन्होंने वहां से रास्ता बना दिया लेकिन इस 22 सालों में हर वक्त को यही सोचते रहे कि यहां से मुझे रास्ता बनाना है वह पर्वत से बातें करते थे और मैं तेरा गुरूर तोडूंगा यह भी कहते थे वह कहते थे जब मैंने पहाड़ी तोड़ते वक्त लोग मुझे हसते थे पागल कहते थे लेकिन मेरा निश्चय और दृढ़ हो जाता था और मैं पहाड़ को तोड़ने के लिए ताकत लगाता था आज उनकी इस प्रयास से उन्होंने 360 फुट लंबा और 25 फुट गहरा 30 फुट चौड़ा एक रास्ता बनाया 55 किलोमीटर की दूरी 15 किलोमीटर तक आ गई है और गांव के लिए एक रास्ता बन गया है दशरथ मांझी एक वह युवाओं के लिए सीख है जो कभी हारना नहीं चाहिए जो परिस्थिति के सामने डगमगाना नहीं चाहिए तब एक आदमी भी पहाड़ को झुकने के लिए मजबूर कर देता है वह दशरथ मांझी जिन्होंने 22 वर्षों तक एक पहाड़ को कांटा इसके लिए उन्हें मांझी माउंटेन मैन की नाम से जग भर में संबोध आ गया उनके ऊपर एक फिल्म में बनाई गई उसके नायक नवाजुद्दीन सिद्दीकी और नायिका राधिका आप्टे थी इस फिल्म की वजह से मांझी दुनिया भर में पहचानने लगे उस साहस प्यार और क्रूरता को इंडिया मिरर का सलाम